Sunday, 18 September 2022
सही मिलन परमात्मा से
ॐ नमः शिवाये का चिंतन करते रहना चाहियें | यानी ईश्वर का चिंतन करते रहो | यह संसार एक माया हैं और असत्य हैं | फिर से ॐ नमः शिवायें कहो | निरंतर इस मंत्र का जप करते रहो | इसीमे विचरते रहो | पर ब्रह्म परमात्मा का चिंतन ही शश्रेष्ट हैं | इसी का चिंतन करो | ईश्वर ही श्रेष्ट हैं और वही संसार का सत्य हैं | बाकी सब कुछ असत्य हैं | फिर से बोलो ॐ नमः शिवायें | निरंतर ईशवर का चिंतन करो | पर ब्रह्मा परमात्मा का चिंतन करो | ईश्वर ही सत्य हैं और सत्य ही परब्रह्मा परमात्मा हैं जो सत्य हैं और सनातन हैं | जो नश्वर संसार से पहले भी हैं और बीच में भी जो दिख रहा हैं वो भी वही हैं | और जो बाद में भी रहेगा | ॐ नमः शिवायें | ॐ नमः शिवायें | जा जाप जपते रहो | और ईश्वर का चिंतन करते रहो |
जने कितने कितने ऋषि मुनियों ने उसी एक आत्मा का चिंतन करता और आत्मलीन हो गएँ | क्योंकि आत्मा का सही मिलन परमात्मा हैं | बाकी तो सब कुछ कचरा हैं | ॐ नमः शिवायें | ॐ नमःशिवायें |
ॐ नमः शिवायें | ॐ नमो नारायण नमः | ॐ नमो भगवती वासुदेवायें | ॐ भूर भुवस्य तत्सय वितुर वरेंडियम भर्गो देवस्य धीमहि धियों योनः प्रचोदयात | ॐ नमः शिवायें |
ज्ञान और आगयान दोनों ही भगवन विष्णु के स्वरुप हैं | ईश्वर एक हैं | ज्ञानी जो हैं वोः ईश्वर को जानता रहता हैं और माया में भेद नहीं करता क्योंकि उसके लिए सब कुछ ईश्वर स्वरुप हैं | ॐ नमः शिवायें |
अपना समय मत खोयों माया के चिंतन करते करते | हर समय ईश्वर का चिंतन करते रहो | ब्रह्मा का चिंतन ही सबसे श्रेष्ट हैं | बाकी तो सब कुछ व्यर्थ हैं | फिर से बोलो ॐ नमः शिवायें | इस मंत्र का जप करते रहो |
ॐ नमः शिवायें का चिंतन करते रहो | ॐ नमो नरनायें नमः | यानि ईश्वर ही सत्य हैं और सनातन हैं | यह माया असत्य हैं और इसे पार पाने का तरीका सिर्फ ईश्वर का चिंतन और ध्यान हैं |
माया से चिंतन छोड़ दो | यह संसार एक स्वप्न हैं | इसमे सिर्फ कल्पनाएं ही हैं जो स्वप्न में देखे गएँ पधार्त की तरह असत्य हैं | ॐ नमः शिवायें | ॐ नमः नरायणायें नमः |
सारा चिंतन छोड़ो और निरंतर ईश्वर का चिंतन करो | पर भ्रम परमात्मा का चिंतन ही श्रेस्ता हैं | ॐ नमः शिवायें | ॐ नमः शिवायें |
ईश्वर ही सत्य हैं सनातन हैं | ॐ नमः शिवायें | ईश्वर ही सत्य हैं |
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