Ramganga gaushala
Monday, 19 September 2022
गौ सेवा
गौ सेवा का बहुत बड़ा महत्तव हैं | गौ सेवा मात्र से मन शांत रहता हैं और इसमें साड़ी गलत वासनाएं ख़तम हो जाती हैं | इसीलिए गौ सेवा निरंतर करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं | और पुण्य के बढ़ने से भगवत की प्राप्ति होंति हैं | रोग नष्ट होंते हैं और बल की वृद्धि होंति हैं |
मन सैयाम में रहता हैं और ईश्वर की प्राप्ति होंति हैं | इंद्रियें निग्रह सिर्फ और सिर्फ गौ सेवा के बल से हो पाँति हैं | मन की चंचलता पे लगाम लगता हैं | और धर्म , अर्थ , काम और मोक्ष , येह चारो पुरुषार्थो की प्राप्ति होंति हैं | जय श्री राम , जय बलराम , जय गौ माता , जय सनातन धर्म
ॐ नमः शिवायें | पर ब्रह्म परमात्मा की जय हो | ईशवर की जय हो | भगवान की जय हो | भगवान का ध्यान और जप करते रहो | ईश्वर का ध्यान और गौ सेवा निरंतर बना रहें | यही इस मानव योनि का परम कर्त्तव्य हैं | बाकी सब तोइन व्यर्थ का समय बर्बाद हैं | ॐ
नमः शिवायें
माया से पार
निरंतर ईश्वर मैं मन लगना ही परम योग हैं |
उसी का चिंतन करो और ध्यान लगायों |
ॐ नमो नरायणायें नमः | ॐ नमः शिवायें | ॐ भर भुवस्य तत्सय वितुर वरेंडियम भर्गो देवस्य धीमहि धियों योना प्रचोदयात | ॐ शांति शांति |
ॐ ईश्वर का वाक्य हैं | यानी ईश्वर शब्द | ईश्वर अनंत परमात्मा हैं |
नमः शिवायें बोलो। ईश्वर ही सत्य हैं | सत्य ही ही
भगवन का ध्यान करो | ईश्वर का चिंतन करो | प्रभु का चिंतन हीं सबसे श्रेस्त हैं | ॐ ॐ नमः शिवायें का जप करते रहो | एहि जीवन का सार हैं || माया से पार जाने का एहि उपायें हैं | की कैसे भी मन भगवन में लग जाएँ |
Sunday, 18 September 2022
स्त्री रूपनि माया
ॐ नमः शिवायें | ॐ नमः शिवायें | ॐ नमः शिवायें | ॐ नमो नारायणन नमः | ॐ नमो भगवतायें नमः ॐ नमो भगवतायें नमः | ॐ भूर भुवस्य तत्सय वितुर वरेंडियम भर्गो देवस्य धीमहि धियों योनः प्रचोदयात | ॐ नमः शिवायें | ॐ नमः शिवायें | ॐ नमः शिवायें | ॐ नमः शिवायें | ॐ भूर भुवस्य ततसय विचर वरेंडियम भर्गो देवस्य धीमहि धियों योनः प्रचोदयात | ॐ नमः शिवायें | ॐ नमो नरनायें नमः |
हर समय ईश्वर का चिंतन करो | ईश्वर ही सत्य हैं | ईश्वर ही सत्य हैं | सत्य ही परमात्मा हैं | सत्य ही सनातन हैं | जो दिख रहां हैं वो भी वोही हैं और जो ना दिख रहा हैं वो भी वही हैं |
ॐ नमः शिवायें | ॐ नमः शिवायें | ॐ नमः नरायणायें नमः | ॐ भूर भुवस्य तत्सय वितुर वरेंडियम भर्गो देवस्य धीमहि धियों योनः प्रचोदयात |
ॐ नमः शिवायें |
माया ठगनी हैं | उसके कई रूप हैं | उसका एक रूप स्त्री का हैं जो स्त्री रूपणी माया हैं उससे बच के रहो | वोह तुमको ठगने के लिए तुम्हारे पास आएँगी और तुम से मीठी मीठी बांटे करके तुमको अपने वश मैं करेंगी |
इस माया से सदा बच के रहो और सावधान रहो क्योंकि यह तुमको ईश्वर के चिंतन से अलग करने की कोशिश करेंगी | मोक्ष के अलग करना ही इसका एक मात्र प्रयास हैं |
यह असत्य संसार स्त्री रूपणी माया में फसा हुआ हैं |
फिर से बोलो ॐ नमः शिवायें |
ॐ नमो नाराणय नमः | ॐ भूर
ॐ नमः शिवायें | ॐ नमः शिवायें |
यह कामदेव बड़ा ही बलवान हैं | इसको सिर्फ ईश्वर की शक्ति या कृपा से ही रोका जा सकता हैं बाकी और कोइन उपायें नहीं हैं | भगवन ही श्रेष्ट हैं और उनसे बड़ा कोई नहीं हैं |
वही सत्य और सनातन हैं | ॐ नमः शिवायें |
सही मिलन परमात्मा से
ॐ नमः शिवाये का चिंतन करते रहना चाहियें | यानी ईश्वर का चिंतन करते रहो | यह संसार एक माया हैं और असत्य हैं | फिर से ॐ नमः शिवायें कहो | निरंतर इस मंत्र का जप करते रहो | इसीमे विचरते रहो | पर ब्रह्म परमात्मा का चिंतन ही शश्रेष्ट हैं | इसी का चिंतन करो | ईश्वर ही श्रेष्ट हैं और वही संसार का सत्य हैं | बाकी सब कुछ असत्य हैं | फिर से बोलो ॐ नमः शिवायें | निरंतर ईशवर का चिंतन करो | पर ब्रह्मा परमात्मा का चिंतन करो | ईश्वर ही सत्य हैं और सत्य ही परब्रह्मा परमात्मा हैं जो सत्य हैं और सनातन हैं | जो नश्वर संसार से पहले भी हैं और बीच में भी जो दिख रहा हैं वो भी वही हैं | और जो बाद में भी रहेगा | ॐ नमः शिवायें | ॐ नमः शिवायें | जा जाप जपते रहो | और ईश्वर का चिंतन करते रहो |
जने कितने कितने ऋषि मुनियों ने उसी एक आत्मा का चिंतन करता और आत्मलीन हो गएँ | क्योंकि आत्मा का सही मिलन परमात्मा हैं | बाकी तो सब कुछ कचरा हैं | ॐ नमः शिवायें | ॐ नमःशिवायें |
ॐ नमः शिवायें | ॐ नमो नारायण नमः | ॐ नमो भगवती वासुदेवायें | ॐ भूर भुवस्य तत्सय वितुर वरेंडियम भर्गो देवस्य धीमहि धियों योनः प्रचोदयात | ॐ नमः शिवायें |
ज्ञान और आगयान दोनों ही भगवन विष्णु के स्वरुप हैं | ईश्वर एक हैं | ज्ञानी जो हैं वोः ईश्वर को जानता रहता हैं और माया में भेद नहीं करता क्योंकि उसके लिए सब कुछ ईश्वर स्वरुप हैं | ॐ नमः शिवायें |
अपना समय मत खोयों माया के चिंतन करते करते | हर समय ईश्वर का चिंतन करते रहो | ब्रह्मा का चिंतन ही सबसे श्रेष्ट हैं | बाकी तो सब कुछ व्यर्थ हैं | फिर से बोलो ॐ नमः शिवायें | इस मंत्र का जप करते रहो |
ॐ नमः शिवायें का चिंतन करते रहो | ॐ नमो नरनायें नमः | यानि ईश्वर ही सत्य हैं और सनातन हैं | यह माया असत्य हैं और इसे पार पाने का तरीका सिर्फ ईश्वर का चिंतन और ध्यान हैं |
माया से चिंतन छोड़ दो | यह संसार एक स्वप्न हैं | इसमे सिर्फ कल्पनाएं ही हैं जो स्वप्न में देखे गएँ पधार्त की तरह असत्य हैं | ॐ नमः शिवायें | ॐ नमः नरायणायें नमः |
सारा चिंतन छोड़ो और निरंतर ईश्वर का चिंतन करो | पर भ्रम परमात्मा का चिंतन ही श्रेस्ता हैं | ॐ नमः शिवायें | ॐ नमः शिवायें |
ईश्वर ही सत्य हैं सनातन हैं | ॐ नमः शिवायें | ईश्वर ही सत्य हैं |